2 February 2020 Current Affairs -UPSC, IAS, SSC,1St Grade And All Other Exams
- Mr RK JAMERIA
- Feb 2, 2020
- 4 min read
UPSC, IAS, SSC,1St Grade And All Other Exams
प्रश्न 01. हाल ही में तीन दिवसीय से नर्मदा महोत्सव का आयोजन कहां हुआ है ?
उत्तर मध्य प्रदेश
प्रश्न 02. केंद्रीय बजट 2020 किस किस विषय वस्तु पर तैयार किया गया है ?
उत्तर - जीवन को सरल बनाने
प्रश्न -03. कौन सा देश राष्ट्रमंडल का 54 वा सदस्य बनाया ?
उत्तर मालदीव
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प्रश्न 04. आम बजट 2020 21 में 5 लाख से 7.50 लाख तक की आय पर आयकर कितना किया गया है ?
उत्तर 10%
प्रश्न 05. IBM के नए सीईओ कौन बने गए हैं ?
उत्तर अरविंद कृष्णा
प्रश्न 06. भारतीय थल सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ कौन बने हैं ?
उत्तर - ले जनरल वाई के जोशी
प्रश्न 07. हाल ही में ICC ने किस व्यवसायिक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है ?
उत्तर -अनुराग दहिया
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प्रश्न 08. हाल ही में हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस में महिला एकल का खिताब किसने जीता है ?
उत्तर - सोफिया केनिन
प्रश्न 09. हाल ही में एंटीसिपेटरी बैल( अग्रिम जमानत )के मामले में उच्चतम न्यायालय ने विस्तृत फैसला दिया है यह अपराध प्रक्रिया संहिता की किस तरह से जुड़ी हुई है ?
उत्तर- 438
प्रश्न 10.हाल ही में आर्थिक समीक्षा जारी हुई है इसके अनुमान के अनुसार 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर कितनी होगी ?
उत्तर- 5%
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Breaking News
Budget 2020: इनकम टैक्स के बारे में जानें सब कुछ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश किया. उन्होंने इनकम टैक्स की दरों में कुछ बदलाव किए हैं.
सरकार ने करदाताओं को रिटर्न भरने के लिए दो तरह के विकल्प दिए हैं.
अब ये करदाताओं को तय करना है कि वे कर छूटों के साथ पुराने टैक्स स्लैब के साथ रिटर्न भरेंगे या फिर बिना कर छूट वाले नए नियम के तहत.
टैक्स व्यवस्था में क्या बदला?
एक तरह से एक गणित तैयार किया गया है. नई स्कीम का लाभ उन्हीं को मिलना है, जिनके पास कोई निवेश नहीं है. अमूमन ये देखा गया है कि जो भी इस आयकर की सीमा में है, दस लाख या 15 लाख रुपये की सालाना आमदनी के दायरे के भीतर आते हैं, उनके पास कुछ बचत योजनाएं पहले से होती हैं.
सरकार ने बदलाव के रूप में एक नई वैकल्पिक व्यवस्था दी है, उस वैकल्पिक व्यवस्था में ये कहा गया है कि अगर आप सारी छूट जो पहले लेते थे, वो छोड़ दें तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई वैकल्पिक व्यवस्था में चार से पांच टैक्स स्लैब बना दिए गए हैं.
पांच लाख रुपये से साढ़े सात लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर पहले 20 फ़ीसदी टैक्स देना होता था, अब उसको घटाकर दस फ़ीसदी कर दिया गया है. इसी तरह से साढ़े सात लाख रुपये से दस लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर पहले 20 फीसदी की दर से टैक्स देना होता था, अब उसे 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा.
दस लाख से 15 लाख के लिए जो स्लैब पहले 30 प्रतिशत का था, अब उसे दो भाग में बांट दिया गया है. दस लाख से 12.5 लाख रुपये की सालाना आमदनी वालों को 20 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा, और 12.5 लाख से 15 लाख रुपये की आमदनी तक वालों को 25 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा.
15 लाख की आमदनी से ऊपर पहले भी 30 प्रतिशत था, उन्हें अभी भी 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा लेकिन इन सबके लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा. ढ़ाई लाख तक की आमदनी पर पहले कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था, अब पांच लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
कर दाताओं का क्या बचेगा?
आप ये सवाल पूछ सकते हैं कि किसी की साढ़े सात लाख रुपये की आमदनी है तो पुरानी स्कीम और नई स्कीम के तहत उसकी बचत पर क्या असर पड़ेगा?
अगर ये मान लें कि पुरानी व्यवस्था में व्यक्ति कोई बचत नहीं करता था, तो उसे ढ़ाई लाख की आमदनी पर 20 प्रतिशत की दर से तकरीबन 50 हज़ार रुपये टैक्स भरता था.
अब क्योंकि वो टैक्स दस प्रतिशत कर दिया गया है तो उस ढ़ाई लाख की आमदनी पर उसे 25 हज़ार रुपये कर देने होंगे. इस मतलब ये हुआ कि उस कर दाता की अब 25 हज़ार रुपये की बचत होगी. शर्त ये है कि वो कोई निवेश नहीं करता हो.
नई स्कीम किनके लिए है?
वित्त मंत्री ने कहा है कि नई व्यवस्था उनके लिए है जो ज़्यादा लिखत-पढ़त नहीं करना चाहते हैं, चार्टर्ड एकाउंटेंट के पास नहीं जाना चाहते हैं. वैसे इस बात से सहमत होना मुश्किल है. सवाल ये है कि करदाताओं को टैक्स का लाभ मिलना चाहिए चाहिए वो किसी के पास जाकर मिले या बगैर जाए मिले.
अगर किसी को थोड़ी सी फीस देकर कर का लाभ मिल सकता है और ये छूट कोई ऐसी छूट नहीं है जिसमें बहुत ज़्यादा जटिलताएं हों. रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ये देखा गया है कि आप ट्यूशन फीस देते हैं, आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं तो आपका प्रोविडेंड फंड कटता है.
आपने घर बनाने के लिए लोन लिया हुआ है तो आप उसकी हर महीने किस्त भरते ही हैं, इसका कोई कैलकुलेशन नहीं है, आपको बैंक से एक इंटरेस्ट सर्टिफिकेट मिल जाता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80(सी) में ये सारी छूट करदाताओं को पहले से ही मिलती रही थी. अब आपको ये छूट छोड़नी होगी.
इसी तरह से पहले बैंक से मिलने वाले 10 हज़ार रुपये तक के ब्याज पर छूट मिलती थी, वरिष्ठ नागरिकों को और ज़्यादा छूट मिलती है. नई व्यवस्था अपनाने के लिए अब ये छूट छोड़नी होंगी. इसमें व्यक्तिगत टैक्स की जिम्मेदारी तय करने के लिए कोई बहुत ज्यादा हिसाब किताब नहीं करना पड़ता था.
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